Dr Aditi dev

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लेखनी कविता-04-Jun-2022

“तुम से ही रौनक़ मेरी”

तुमसे ही है दुनिया मेरी,
तुम ही जीने की आस मेरी,
तुम बिन ना बीते वक़्त मेरा,
तुमसे ही चलती साँसे मेरी,
तुमसे ही मुस्कुराहट मेरी,
तुमसे ही दिन और रात मेरी,
तुमसे ही हर शाम मेरी ,
तुम बिन है सूनी गलियाँ मेरी ,
तुमसे ही है रौनक़ मेरी ,
तुमसे हैं सारी ख़ुशियाँ मेरी,
तुम बिन ना अस्तित्व मेरा,
तुम हो तो आसान सफ़र मेरा ,
तुमसे ही आरज़ू मेरी,
तुम में ही बसी रूह मेरी ।



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7 Comments

Seema Priyadarshini sahay

06-Jun-2022 12:09 PM

बेहतरीन

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Saba Rahman

05-Jun-2022 11:10 PM

Osm

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Sona shayari

05-Jun-2022 01:00 PM

Nice

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